बुजुर्ग लोग इसी तरह एक दिन बैठक में आ जाते हैं। शायद सिमटना इसी को कहते हैं. जहाँ आत्मा की यात्रा बाहर से भीतर की ओर जाती है, वहीं भौतिक यात्रा में भीतर से बाहर की यात्रा..शुरू हो जाती है. परिवारों में बुज़ुर्गों के लिए ये व्यवस्था अनायास ही बनी होगी, सायास के चिह्नों से वो अवगत नहीं। ...