वरिष्ठ कथाकार सुदर्शन वशिष्ठ को हिमाचल कला संस्कृति भाषा अकादमी द्वारा ‘‘शिखर सम्मान-2016’’ प्रदान किया गया है। यह सम्मान वशिष्ठ को साहित्य के क्षेत्र में आजीवन उत्कृष्ट योगदान के लिए दिया गया है।
28 मार्च को स्थानीय हॉलीडे होम सभागार में एक गरिमापूर्ण और शालीन समारोह में प्रदेश के मुख्य मन्त्री वीरभद्रिंसंह द्वारा इन्हें शॉल टोपी, प्रतीक चिह्न तथा एक लाख की राशि भेंट की। मुख्य मन्त्री ने लेखक के साहित्य के क्षेत्र में योगदान की सराहना करते हुए कहा कि हिमाचल अकादमी साहित्य और कला के क्षेत्र में साधनारत महानुभावों के मान सम्मान के लिए कृत संकल्प है।
हिमाचल अकादमी द्वारा स्थापित यह सम्मान एक सर्वोच्च सम्मान है जो जीवन में एक ही बार दिया जाता है।
इसी दिन इन्हें अमर उजाला द्वारा ‘‘अमर उजाला हिमाचल गौरव सम्मान-2017’’ से भी सम्मानित किया गया। यह सम्मान हिमाचल विश्वविद्यालय के कुलपति आचार्य वाजपेयी द्वारा होटल मेरिना में प्रदान किया गया।
सुदर्शन वशिष्ठ गत पचास वर्षां से लेखन में सक्रीय हैं। अनेक पुस्तकों के संपादन के अतिरिक्त इन की पचास से अधिक पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं जिनमें नौ कहानी संकलन, चार काव्य संकलन, उपन्यास, नाटक, व्यंग्य, संस्कृति, यात्रा आदि और ई-बुक्स शामिल हैं। धर्मयुग, सारिका, साप्ताहिक हिन्दुस्तान से ले कर इन की कहानियां और किताब घर प्रकाशित से छः खण्डों में प्रकाशित हिमाचल की संस्कृति पर पुस्तक श्रृंखला विशेष चर्चित रही है।
वशिष्ठ, साहित्य अकादेमी के पूर्व सदस्य, राष्ट्रीय इतिहास अनुसंधान परिषद् के पूर्व फैलो और संस्कृति मन्त्रालय भारत सरकार के सीनियर फैलो हैं।
हिमाचल अकादमी