ज़िन्दगी
- चन्द्रभान प्रताप
- 13 जून 2017
- 1 मिनट पठन
ज़िन्दगी
लंबी साँस है
हवा को सीने में देर तक
क़ैद करना
साँसों के दरम्यान
यादों की
सुन्दर सी बुनाई
कभी ठहाका
कभी मुस्कराहट
या कभी साँस छोड़ते हुए
लंबी सी आह !
ज़िन्दगी
आँखों में तालाब
बसा लेना है
ज़िन्दगी
लमहात को स्पर्श कर पाना है
ज़िन्दगी
बेबयाँ हैं
कई बार शब्दों से परे है।

चंद्रभान, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के इतिहास अध्ययन केंद्र में प्राचीन इतिहास के शोधार्थी हैं।
इतिहास एवं साहित्य में रुचि के साथ-साथ वे थिएटर से भी जुड़े हैं।