सब का मालिक एक है,क्या गुजरात बिहार |
चारो-खाने चित हुई ,जनता की सरकार ||
----
पास अभी अनमोल ये,जनता का उपकार |
देख समझ के बोलिये ,नाविक-खेवनहार ||
---
वे कहते कुछ दिन सही,सह गुजरात गुजार|
अभी-अभी तो लौट हम,देखे रंग हजार ||
---
पास हमारे वोट हैं,करते तुम तकरार|
मंजिल तक पहुचा गई ,हमको कंडम कार ||
---
मन में अदभुत शांति का ,आवे कभी विचार |
दौरा कर गुजरात का ,विधायक ले उधार ||
---
sushil.yadav151@gmail.com
सुशील यादव
दुर्ग