अस्तित्त्व के
बिखरे हुए टुकड़ों को
समेटने की कोशिश
जीवनभर करता रहा
बहुतों ने नोच लिया है
फिर भी कोशिश जारी थी
मगर अब थक गया हूँ
सोचता हूँ कि जिन्हों ने
आजतक जिस्म की बोटी बोटी
भी न छोड़ी है उन्हें अब रोककर
क्या करूँगा मैं !
जिस्म का अस्तित्त्व टुकड़ों में
हड्डियाँ गली हुई सी सूखती
चमड़ी तो पहली उधेड़ दी थी
क्या बचा पाया हूँ मैं?
प्रतिकार करता तो भी किसका?
सभी अपने ही तो थे -
रिश्तेदार और दोस्तों के मुखौटे में
अब भी कुछ बचा है, करोगे सौदा?
आप सोचते होंगे, अब क्या बचा होगा
सही सोचते हैं आप सभी नोचने वाले
क्यूँकि आपका अहंकार और ताकत
कुछ सोचने नहीं देती सबकुछ पाने के सिवा
अब जो मेरे पास है उसे आप देख नहीं सकते
पा नहीं सकते और न उसे नोच सकते हैं
अब सोचिये कि वो क्या होगा मेरे पास?
सुनो, जिसे बचा पाया हूँ वो है
मेरी रूह !
उसे कैसे लूटोगे या नोंच लोगे?
पंकज त्रिवेदी
मोबाईल : 096625-14007 vishwagatha@gmail.com
परिचय
जन्म- 11 मार्च 1963
अभ्यास :- बी.ए. (हिन्दी साहित्य), बी.एड., जर्नलिज्म एंड मॉस कम्यूनिकेशन (हिन्दी), माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय – भोपाल
अखबार स्तम्भ : अखंड राष्ट्र (लखनऊ और मुम्बई)
साहित्य क्षेत्र-
संपादक : विश्वगाथा (हिन्दी साहित्य की अंतर्राष्ट्रीय त्रैमासिक मुद्रित पत्रिका) चार वर्षों से
लेखन- कविता, कहानी, लघुकथा, निबंध, रेखाचित्र, उपन्यास ।
पत्रकारिता- राजस्थान पत्रिका ।
अभिरुचि- पठन, फोटोग्राफी, प्रवास, साहित्यिक-शिक्षा और सामाजिक कार्य ।
प्रकाशित पुस्तकों की सूचि -
1982- संप्राप्तकथा (लघुकथा-संपादन)-गुजराती
1996- भीष्म साहनी की श्रेष्ठ कहानियाँ- का- हिंदी से गुजराती अनुवाद
1998- अगनपथ (लघुउपन्यास)-हिंदी
1998- आगिया (जुगनू) (रेखाचित्र संग्रह)-गुजराती
2002- दस्तख़त (सूक्तियाँ)-गुजराती
2004- माछलीघरमां मानवी (कहानी संग्रह)-गुजराती
2005- झाकळना बूँद (ओस के बूँद) (लघुकथा संपादन)-गुजराती
2007- अगनपथ (हिंदी लघुउपन्यास) हिंदी से गुजराती अनुवाद
2007- सामीप्य (स्वातंत्र्य सेना के लिए आज़ादी की लड़ाई में सूचना देनेवाली उषा मेहता, अमेरिकन साहित्यकार नोर्मन मेईलर और हिन्दी साहित्यकार भीष्म साहनी की मुलाक़ातों पर आधारित संग्रह) तथा मर्मवेध (निबंध संग्रह) - आदि रचनाएँ गुजराती में।
2008- मर्मवेध (निबंध संग्रह)-गुजराती
2010- झरोखा (निबंध संग्रह)-हिन्दी
2012- घूघू, बुलबुल और हम (હોલો, બુલબુલ અને આપણે) (निबंध संग्रह)-गुजराती
2013- मत्स्यकन्या और मैं (हिन्दी कहानी संग्रह)
2014- हाँ ! तुम जरूर आओगी (कविता संग्रह)
2017 मन कितना वीतरागी (चिन्तनात्मक निबंध संग्रह)
प्रसारण- आकाशावाणी में 1982 से निरंतर गुजराती-हिन्दी में प्रसारण ।
दस्तावेजी फिल्म : 1994 गुजराती के जानेमाने कविश्री मीनपियासी के जीवन-कवन पर फ़िल्माई गई दस्तावेज़ी फ़िल्म का लेखन। निर्माण- दूरदर्शन केंद्र- राजकोट
प्रसारण- राजकोट, अहमदाबाद और दिल्ली दूरदर्शन से कई बार प्रसारण।
स्तम्भ - लेखन- टाइम्स ऑफ इंडिया, जयहिंद, जनसत्ता, गुजरात टुडे, गुजरातमित्र,
फूलछाब, गुजरातमित्र
विश्वगाथा (प्रकाशन संस्थान) : गुजराती-हिन्दी पुस्तक प्रकाशन में 35 से ज्यादा किताबें प्रकाशित
सम्मान –
(१) हिन्दी निबंध संग्रह – ‘झरोखा’ को हिन्दी साहित्य अकादमी (गुजरात) के द्वारा 2010 का
पुरस्कार
(२) सहस्राब्दी विश्व हिंदी सम्मेलन में तत्कालीन विज्ञान-टेक्नोलॉजी मंत्री श्री बच्ची सिंह राऊत के
द्वारा सम्मान।
(३) त्रिसुगंधि साहित्य कला एवं संस्कृति संस्थान (पाली) राजस्थान के द्वारा 'साहित्य रत्न सम्मान'
–2015
(४) कवि कुलगुरु रवीन्द्रनाथ ठाकुर सम्मान-2016, भारतीय वांग्मय पीठ, कोलकाता
(५) “साहित्यिक पत्रकारिता सम्मान-२०१७” शब्द प्रवाह साहित्यिक, सांस्कृतिक एवं सामजिक
मंच, उज्जैन
(६) ‘साहित्य चेतना सम्मान’, अभिमंच संस्था, नई दिल्ली – २०१८
संपर्क- पंकज त्रिवेदी
"ॐ", गोकुलपार्क सोसायटी, 80 फ़ीट रोड, सुरेन्द्र नगर, गुजरात - 363002