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बिमल सहगल

अभिव्यक्ति

अनुभूति से अभिव्यक्ति का सफर भी कुछ

अप्रत्याशित सा रहता है-

कभी तो यह बेबाक फट पड़ता है

किसी ज्वालामुखी सा

तो कभी सागर-सरीखे 

अपनी अथाह गहराईओं के सीने में रहस्य समेटे

मथता रहता है, अविरल लहरों  के थपेड़ों संग

सभी उमड़ते विचारों को

अपने प्रशांत वक्ष से ही चिपकाए।


 

लेखक परिचय – बिमल सहगल

       

        दिल्ली में जन्मे बिमल सहगल, आई एफ एस (सेवानिवृत्त) ने दिल्ली विश्वविद्यालय से शिक्षा प्राप्त की। अंग्रेजी साहित्य में ऑनर्स के साथ स्नातक होने के बाद, वह विदेश मंत्रालय में मुख्यालय और विदेशों में स्तिथ विभिन्न भारतीय राजदूतवासों में एक राजनयिक के रूप में सेवा करने के लिए शामिल हो गए। ओमान में भारत के उप राजदूत के रूप में सेवानिवृत्त होने के बाद भी वह कई वर्षों तक विदेश मंत्रालय को अपनी सेवाएँ प्रदान करते रहे।  
कॉलेज के दिनों से ही लेखन के प्रति रुझान होने से 1973 में संवाददाता के रूप में दिल्ली प्रेस ग्रुप ऑफ पब्लिकेशन्स में शामिल हुए। अखबारों और पत्रिकाओं के साथ लगभग 50 वर्षों के जुड़ाव के साथ, उन्होंने भारत और विदेशों में प्रमुख प्रकाशन गृहों में महत्वपूर्ण योगदान दिया है और भारत व विदेशों में उनकी सैकड़ों रचनाएँ प्रकाशित हुई हैं। वर्ष 2014 से 2017 तक उन्होंने अन्तर्राष्ट्रिय अंग्रेजी अखबार ओमान ऑब्जर्वर के लिए एक साप्ताहिक कॉलम लिखा। लेखन के इलावा पेंटिंग व शिल्पकारी में भी रुचि रखते हैं।  एक अनूठी शिल्पकला ‘फ्लोरल-फ़ौना’ के प्रचलन के लिए भी जाने जाते हैं। 

 बिमल सहगल

(फोन: 9953263722, ईमेल: bimalsaigal@hotmail.com)

      कहानी 7 की प्रतियाँ ऐमेजौन या गूगल प्ले पर खरीदी जा सकती हैं

https://play.google.com/store/books/details/Ranjana_Jayaswal_Bimal_Sehgal_eKalpana_Kahaani?id=J4EZEQAAQBAJ

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